बेंगलुरु में ‘जल प्रलय’ साल की सबसे अधिक बारिश, 6 घंटे बरसते रहे मेघ; मासूम समेत तीन की मौत

बेंगलुरु

बेंगलुरु में साल की सबसे भारी बारिश ने सोमवार को तीन लोगों की जान ले ली। छह घंटे की मूसलाधार वर्षा ने बारिश के कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। सबसे दुखद हादसा BTM लेआउट में हुआ, जहां एक अपार्टमेंट परिसर में जमा पानी निकालते समय 63 वर्षीय एक बुजुर्ग और 12 साल के लड़के की करंट लगने से मौत हो गई। इससे पहले वाइटफ़ील्ड में भारी बारिश के चलते एक मकान की दीवार गिर गई, जिसमें 35 वर्षीय महिला हाउसकीपर की मौत हो गई।

रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात शहर में छह घंटे से अधिक समय तक भारी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में सड़कों, बेसमेंट और निचले इलाकों में जलभराव हो गया। जानकारी के अनुसार, हादसा सोमवार शाम करीब 6 बजे हुआ। मृतकों की पहचान मन्मोहन कामत (63) और दिनेश (12) के रूप में हुई है। दिनेश नेपाली मूल के एक कर्मचारी का बेटा था, जो उसी अपार्टमेंट में कार्यरत है।

DCP साउथ ईस्ट डिवीजन सारा फातिमा ने बताया, “कामत ने बाहर से मोटर मंगवाई थी और उसे बिजली से जोड़कर बेसमेंट में जमा पानी निकालने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान शॉर्ट सर्किट से उन्हें करंट लग गया। दिनेश जो उनकी मदद कर रहा था, उसे भी करंट लग गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।” दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सेंट जॉन्स अस्पताल भेजा गया है।
वाइटफ़ील्ड में महिला की मौत

बारिश के कारण वाइटफ़ील्ड में एक कंपाउंड वॉल गिर गई, जिसकी चपेट में आकर 35 वर्षीय महिला हाउसकीपर की मौत हो गई। उधर मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु में 210 बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें से 166 में समस्या का समाधान हो चुका है। 24 स्थानों पर काम जारी है और शेष 20 पर जल्द काम शुरू होगा।

उन्होंने बताया कि सरकार ने 197 किमी लंबी स्टॉर्म वॉटर ड्रेन बनाई है और इसके लिए ₹2000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने 132 जलभराव वाले स्थानों की सूची दी है, जिनमें से 82 ठीक किए जा चुके हैं, जबकि 41 पर कार्य प्रगति पर है। शिवकुमार ने कहा, “बारिश हमारे नियंत्रण में नहीं है, लेकिन हम बाढ़ वाले इलाकों की पहचान कर समाधान कर रहे हैं और लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान दे रहे हैं।”

 

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