अवैध प्लाटिंग और बिना भवन अनुज्ञा के निर्माण के मामले में राजस्व और नगरीय प्रशासन ने सख्त

मुंगेली

नगर पंचायत बरेला में अवैध प्लाटिंग और बिना भवन अनुज्ञा के निर्माण के मामले में राजस्व और नगरीय प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. मामले में 9 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, लेकिन अब तक किसी ने भी जवाब नहीं दिया है. इस पर प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अब अंतिम नोटिस के बाद बिना सुनवाई के सीधे एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी.

जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा भूमि की अवैध प्लाटिंग कर खरीदी-बिक्री की जा रही थी, साथ ही निर्माण कार्य भी बिना अनुमति के किया जा रहा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मुंगेली ने इन जमीनों की रजिस्ट्री और लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही, बिना भवन अनुज्ञा के चल रहे निर्माण कार्यों को भी तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.

नाम इस प्रकार हैं (खसरा नंबर सहित)

1. मिंटू अरोरा (317)
2. विद्याभूषण देवांगन (321)
3. सत्येंद्र पिता जगन्नाथ (321)
4. पवन गुप्ता (376)
5. सरिता तिवारी (376)
6. गंगोत्री गुप्ता (376)
7. देवकी बाई धुरी (884)
8. चंद्रकुमार धुरी (884)
9. रामाधार धुरी (884)

प्रशासन की चेतावनी, कार्रवाई से नहीं बचेगा कोई भी
नायब तहसीलदार प्रकृति ध्रुव ने बताया कि नोटिस जारी होने के बाद भी किसी ने जवाब नहीं दिया है. इसलिए अब एक और अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद भी जवाब नहीं मिलने पर प्रशासन संबंधितों के खिलाफ नियमों के तहत सीधे कार्रवाई करेगा, जिसमें निर्माण ध्वस्तीकरण, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है. वहीं नगर पंचायत बरेला के सीएमओ सीबी बांधे ने कहा कि नियमों के उल्लंघन पर कोई भी व्यक्ति चाहे वह प्रभावशाली ही क्यों न हो, कार्रवाई से नहीं बचेगा. नियमानुसार जो भी कार्रवाई प्रस्तावित होगी उसे किया जायेगा.

बरेला में की जा रही यह कार्रवाई जिलेभर में एक सख्त प्रशासनिक संदेश दे रही है कि अवैध प्लाटिंग और अनधिकृत निर्माण पर अब कोई रियायत नहीं मिलेगी. यह कदम नगर विकास की दिशा में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूती देने वाला साबित हो सकता है. लेकिन यह सार्थक तब होगा जब बिना किसी भेदभाव और बिना किसी दबाव के ऐसे मामले पर प्रशासन की कार्रवाई हो.

जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र में कार्रवाई कब ?
मुंगेली जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका मुंगेली और उससे लगे आसपास के गांवों में लोगों के कृषि भूमि को सस्ते दामों पर लेकर प्लाटिंग कर लाखों करोड़ों कमाने का धंधा बदस्तूर जारी है. जिस पर बड़ी और कड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है. शिकायत मिलने या मीडिया में मामला सामने आने पर नोटिस-नोटिस का खेल जरूर होता है, लेकिन कुछ दिनों बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. यही वजह है कि ठोस कार्रवाई नहीं होने से यहां भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है. जमीन का कारोबार नियमों को ताक पर रखकर रोक सको तो रोक लो की तर्ज पर खूब खेला जा रहा है.

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