महबूबा मुफ्ती का सवाल- पहलगाम हमले में शामिल आतंकी अभी पकड़े नहीं गए, तो क्या हासिल हुआ

नई दिल्ली
ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से शुरू किया गया सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं तो इस सबसे क्या हासिल हुआ? मीडिया से बातचीत में महबूबा ने कहा, ‘हमने पहलगाम के बाद भी कई लोग खोए हैं। हमारे मकान तबाह हो गए, अरबों रुपयों की संपत्ति बर्बाद हो गई। पहलगाम हमले में शामिल आतंकी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं तो इस सबसे क्या हासिल हुआ?’

भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘सरकार आज जो कर रही है, विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजना; यह पहले करना चाहिए था। जब आप एक परमाणु शक्ति हैं, तो युद्ध कोई विकल्प नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार को कई चीजें करने की जरूरत है, क्योंकि यह हमारा युद्ध नहीं है। यह दो देशों के बीच का मामला है, जिसे राजनीतिक हस्तक्षेप और कूटनीति से सुलझाया जा सकता था। जहां चाकू की जरूरत थी, वहां आपने तलवार निकाल दी।

मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘पूंछ और उरी जैसे इलाकों में काफी नुकसान पहुंचा है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कोई नहीं है। कई सारे मकान बर्बाद हो गए, उन्हें टेंट तक नहीं मिले हैं। कहीं-कहीं मकान का ढांचा खड़ा है मगर अंदर में से बिल्कुल तबाह हो गए हैं। स्थानीय लोगों की यह मांग है कि जो लोग मारे गए उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। लोगों ने दुकानें खोलने के लिए लोन लिया था जिसे माफ किया जाना चाहिए। बैंक अब इंश्योरेंस नहीं दे रहे हैं क्योंकि वो इसे युद्ध बता रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि जिनके घरों के लोग शहीद हुए हैं उनके परिवार को नौकरी मिलनी चाहिए। सरकार को बहुत सारा काम करने की जरूरत है।’

प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर भी पीडीपी चीफ ने सवाल उठाए। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रोफेसर खान ने क्या कहा, उन्होंने सही तो बोला कि कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे भाजपा के मंत्री ने जो बयान दिया वो गलत है। आप बहुत शोर मचा रहे हैं, मगर आप जिन मुसलमानों की मॉब लिंचिंग करते हैं, जिन मुसलमानों के घर तोड़ते हैं और जिनकी मस्जिदें तोड़ते हैं उनके बारे में भी तो सोचिए। यह कहने में कौन सा गुनाह हो गया कि उसे जेल में डाल दिया गया।’

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